Thursday, February 25, 2010
“ समुंदर की वो दो लहरे ”
“ समुंदर की वो दो लहरे ”
है उत्सुक आज “साहिल ” से मिलने
चली आ रही है लहराते
दोनों एक ही साथ ………….
मची हुई है होड़ आपस में
की कौन मिलेगा पहले उनसे
ये द्वेष है उनके मन में आज
वो दो बहने है सागर में
पर आज है दोनों सौतन
वे साहिल को माने अपना
साहिल को ही संगम …….
मन में अंतर्द्वंद है उनके
फिर भी सहमी दोनों
कौन मिलेगा पहले उनसे …
यही द्वेष है उनके मन में
उन्हें मालूम नहीं है शायद !
की उनका सच्चा प्रेम ,
साहिल ठुकरा देगा एक पल में
मिलकर सिर्फ एक रैन ………
वो लौट न पाएंगी वापस
अपने उस जीवन में
जहा से चली है आज
वो मिलने अपनेपन में ,
मिलने अपनेपन में
करेगा ऐसी हालात साहिल
लौट के आना होगा मुश्किल
ख़त्म हो जायेगा वही पर
उनका सारा जीवन
फिर भी मिलने को है उत्सुक
चली आ रही है मिलो से
कई उजाड़े नैन
कई उजाड़े नैन (बहुत दिनों से नहीं सोई है )
उन्होंने देखे है इससे पहले
कई जोगियों के वो गहने
जो लेकर आती है लहरें अपने ही संग में (शंख ,सीप (मोती ) )
है बिखरे चारो तरफ कुछ टूटे कुछ अच्छे
फिर भी मिलने को उत्सुक है
“ सागर की वो दो लहरे ”
Tuesday, February 2, 2010
"माँगा हर दुआ में आपको "
"माँगा हर दुआ में आपको "
आकर इतने करीब ,न अब दूरजाना …
करना हमसे वादा,और भी करीब आना ...
चाहूँ तेरी धड़कन महसूसकरना ..
बाँहों में तेरी ये ज़िन्दगी बिताना ..
है तुझपे कुर्बान सब कुछ मेरा ...
तुमपे शुरू तुमपे ही खत्म ये सारा जहाँ मेरा …
तेरी हर धड़कन मुझे जीने की चाह देती है …
तेरी हर मुस्कान मेरे सपनोको मंजिल का निशाँ देती है …
चाहतों का मेरी …किनारा हो तुम ...
खुशियों का मेरी सहारा हो तुम …
मांगी हर वक़्त दुआ ये ही रब से . ..
कभी न करे …मुझे …वो दूर तुझसे
अब तो डर लगता है ….
कहीं खो न दू तुझे ...
मेरी ज़िन्दगी सिर्फ तेरी ही मोहताज़ है …
तू ही मेरा कल ….और तू ही मेरा आज है ..
तेरी चाहतों के आगे हर सुख कुर्बान मेरा ….
तेरे ही ख्याल से कट रहा है ज़िन्दगी का ये सफ़र मेरा ….
हर पल चाहूँ तुझे और भी ज्यादा ….और भी ज्यादा …......................
ये प्यार अब कभी न होगा कम …..करो मुझसे तुम ये वादा
रहोगे मेरे हरदम मेरे हरदम मेरे हरदम ….........................
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