मोम का जिस्म लेकर,
आग से खेला किया,
मुमकिन थी जीत मेरी,
पर हर पल हारा किया,
ये मालूम था इस खेल में,
हार होनी है मेरी ,
पर न था ये मालूम,
की जिसे जीता रहा हर पल ,
उसी ने मेरी "हार का सौदा " किया,
फिर भी अफ़सोस न होता हार का,
जो हार मेरी उसके आगोश" में होती,
पर वो बेरहम यहाँ भी ,
बस दूर से खेला किया ,
और मै "मोम का जिस्म " लेकर,
आग से खेला किया !