फिर भी यादें कम है
दर्द पहले से ज्यादा हुआ है,
फिर भी दर्द कम है .....
सपने है आँखों में जागे जागे
और आज आँखों में नींद कम ,है
यूँ तो जी रहे है हम जिंदगी से ज्यादा
फिर भी लगता है ये जिंदगी कम है.....
यु तो देखे है हमने, जीवन के
सब रंग,
फिर भी ये तेरे रंग से रंगी कम है ......
मै अब कही भूल न जाऊ ,
तुम्हे, भूल जाने के बाद,
अब इक यही गम है
आ जाओ मेरी रूह-ए- तमन्ना
कि तुमसे मिलें जमाना बीत गया,
यादें है तेरी, मेरी साँसों में बसी,
पर लगता है शायद अब मेरी साँसे कम है
आ जाओ मेरी रूह-ए- तमन्ना !!!! ...........